लेखनी प्रतियोगिता -12-Dec-2022
बोलती चिड़िया
एक चिड़िया आती थी आंगन में
रोज सुबह उगते सूरज के साथ के
साथ बोलती थी चिड़िया ची ची कर
सुबह को अपने संगीत से भर बोलती
थी चिड़िया हुआ सवेरा उठ जाओ
अब आंगन में आओ मेरे साथ
खेलों-कूदो, कब तक चादर ताने
रहो के आंखें मूंद लेटे रहोगे सपनों की
गोद में बोलती है चिड़िया चलों आओ।
राखी सरोज
Mahendra Bhatt
12-Dec-2022 11:01 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
Reply
Punam verma
12-Dec-2022 09:10 AM
Very nice
Reply
Abhinav ji
12-Dec-2022 07:25 AM
Nice 👍
Reply